डा0 कन्हैया लाल मानिक लाल मुन्शी
डा0 कन्हैया लाल मानिक लाल मुन्शी
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल दिनाँक 02-06-1952 से: 09-06-1957 तक
जन्म |
30 दिसम्बर, 1887
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शैक्षिक योग्यता |
उन्होनें बड़ौदा कालेज में शिक्षा ग्रहण की। B.A., LL.B., D.LITT., LL.D., FELLOW OF THE UNIVERSITIES OF BOMBAY AND BARODA
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अनुभव |
1913 में उन्होंने बम्बई उच्च न्यायालय में वकालत की। भारतीय विद्या भवन के संस्थापक-अध्यक्ष होने का श्रेय श्री मुंशी को जाता है, जिन्होंने 1938 में इसकी स्थापना की। वे 1927-1946 तक बम्बई विधानसभा के सदस्य रहे। 1930 में उन्हें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की कार्यकारिणी समिति का सदस्य नियुक्त किया गया। वे 1930-1936 तक और पुनः 1947 में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य रहे। स्वतंत्रता आन्दोलन में उन्होनें बढ-चढ़ कर हिस्सा लिया और कई बार जेल गये। 1947-52 तक भारत की संविधान सभा तथा इसकी ड्राफ्टिंग कमेटी पार्लियामेन्ट के सदस्य रहे। 1934 में उन्हें कांग्रेस संसदीय परिषद का सचिव नियुक्त किया गया। 1937-39 तक वे बम्बई शासन में गृहमंत्री के पद पर रहे। 1948 में उन्हें हैदराबाद के लिए भारत सरकार का एजेन्ट जनरल नियुक्त किया गया। 1951 से वे कृषि संस्थान आनन्द के अध्यक्ष रहे। 1948 से वे बिरला एजुकेशन ट्रस्ट तथा अन्य ट्रस्टों के सदस्य रहे। 1950-52 तक वे केन्द्रीय मंत्रिमण्डल में खाद्य एवं कृषिमंत्री रहे। 2 जून, 1952 को इन्हें उत्तर प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया और वे इस पद पर 9 जून, 1957 तक रहे। 1951 में उन्हें संस्कृत विश्व परिषद का अध्यक्ष बनाया गया। 1957-60 तक वे भारतीय विधि संस्थान के अध्यक्ष रहे।
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प्रकाशन |
गुजराती तथा अंग्रेजी भाषाओं में इनकी 50 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हुई। इनमें गुजरात और उसका साहित्य, भगवत गीता एवं आधुनिक जीवन, भारतीय मूर्तिकला की कहानी आदि प्रमुख पुस्तकें सम्मिलित हैं।
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