राज्यपाल सामान्य विश्वविद्यालयों, कृषि विश्वविद्यालयों, प्राविधिक विश्वविद्यालयों, चिकित्सा विश्वविद्यालयों तथा संगीत डीड-टू-बी-विश्वविद्यालयों का कुलाधिपति होता है | कुलाधिपति, अपने कार्यालय के आधार पर विश्वविद्यालय के प्रमुख हैं तथा उन्हें निम्नलिखित अधिकार निहित हैं:-
- वह एक सर्च कमेटी का गठन करके कुलपतियों की नियुक्ति करता है, इसके लिए वह सर्च कमेटी द्वारा संस्तुत नामों में से उनमें से कुलपति का चुनाव एवं नियुक्ति करता है। इसके अतिरिक्त, कुलाधिपति के पास विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति को छुट्टी प्रदान करना, उन पर अनुशासनात्मक कार्यवाही अथवा दंडात्मक कार्यवाही करने का अधिकार भी निहित है |
- विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद/न्यायालय के कुछ विशिष्ट सदस्य नामित करने का अधिकार|
- कुलाधिपति के पास अपीलीय अधिकारी के रूप में वे अधिकार निहित है जिसके द्वारा वह अनेकों विश्वविद्यालय निकायों/ प्राधिकरणों के निर्णयों को रद्द कर सकता है, यदि वे उनके विचार में अधिनियमों, क़ानूनों, अध्यादेशों व विनियमों के विरुद्ध प्रतीत होते हों।
- विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद द्वारा उन पारित क़ानूनों एवं अन्य नियमों को स्वीकृति अथवा अस्वीकृति प्रदान करना जो कुलाधिपति के पास स्वीकृति हेतु प्रस्तुत किए गए हों।
- विश्वविद्यालयों के कर्मचारियों एवं छात्रों के ज्ञापन एवं प्रतिनिधित्व को सुनने का अधिकार।
- विश्वविद्यालयों के विभिन्न निकायों में प्रतिनिधित्व तथा उसके कॉलेजों की प्रबंध समितियों के संबंध में अंतत: चुनावी विवाद तय करने का अधिकार।
- विश्वविद्यालयों में विभिन्न श्रेणियों में शिक्षकों की नियुक्ति हेतु विशेषज्ञों को नामित करने का अधिकार।
- विश्वविद्यालयों के दीक्षांत समारोह तथा उनके न्यायालयों/प्रबंधकारिणी समितियों की बैठकों की अध्यक्षता करने का अधिकार।
- विश्वविद्यालय के शैक्षिक स्तर में सुधार, शिक्षा सत्र को नियमित करना व इनमें पुलिस संबन्धित मुद्दों पर सरकार का ध्यानाकर्षण करना, कुलपतियों व संबन्धित मंत्रालयों की समीक्षा बैठकें आयोजित करने का अधिकार।
- कुलाधिपति को अन्य वह अधिकार भी निहित होंगे जो उन्हें अधिनियम व क़ानूनों द्वारा प्राप्त हैं |