This page uses Javascript. Your browser either doesn't support Javascript or you have it turned off. To see this page as it is meant to appear please use a Javascript enabled browser.
राज्यपाल सचिवालय, राजभवन लखनऊ उत्तर प्रदेश, भारत की आधिकारिक वेबसाइट। / श्री बी0 सत्यनारायण रेड्डी

 

श्री बी0 सत्यनारायण रेड्डी

  • श्री बी0 सत्यनारायण रेड्डी
  • श्री बी0 सत्यनारायण रेड्डी

    श्री बी0 सत्यनारायण रेड्डी

    उत्तर प्रदेश के राज्यपाल दिनाँक 12-02-1990से:25-05-1993 तक
    जन्म इनका जन्म 21 अगस्त, 1927 को आन्ध्र प्रदेश में महबूब नगर जिले के शादनगर अन्नारम गांव में एक कृषक परिवार में हुआ
    शैक्षिक योग्यता उन्होनें प्रारम्भिक शिक्षा रंगारेड्डी जिले के एडुलाबाद गांव में तथा उसके बाद कायस्थ पाठशाला, नागपल्ली स्कूल एवं केशव मेमोरियल स्कूल, हैदराबाद में ग्रहण की। हाई स्कूल की शिक्षा विवेकवर्धनी हाईस्कूल, हैदराबाद में तथा कालेज शिक्षा निजाम कालेज, हैदराबाद में ग्रहण करने के पश्चात विख्यात उस्मानिया विश्वविद्यालय, हैदराबाद से कानून की डिग्री हासिल की।
    B.A., L.L.B.
    प्रारंभिक जीवन श्री रेड्डी एक जाने माने स्वतंत्रता सेनानी हैं जो गांधी जी के विचारों से प्रभावित होकर केवल चौदह वर्ष की अल्प अवस्था में सन् 1942 के ''भारत छोड़ों'' आन्दोलन में कूद पड़े तथा उस समय बंदी बना लिये गये जब वह गांधी जी की गिरफ्तारी के विरूद्ध विद्यार्थियों के एक जुलूस का नेतृत्व कर रहे थे।
    श्री रेड्डी ने समाजवादी आन्दोलन में सक्रिय भूमिका निभाई। उन्होंने हैदराबाद स्टेट कांग्रेस कमेटी के तत्कालीन अध्यक्ष, श्री स्वामी रामानन्द तीर्थ के नेतृत्व में छात्र नेता के रूप में सन् 1947 के ''हैदराबाद जन-आन्दोलन'' में भाग लिया। इन्होंने गांधी जी, आचार्य नरेन्द्र देव, डा0 राम मनोहर लोहिया एवं जय प्रकाश नारायण जैसी महान विभूतियों से प्रेरणा प्राप्त की तथा डा0 राम मनोहर लोहिया के प्रेरणापद नेतृत्व में '' समाजवादी आन्दोलन'' में भी सक्रिय भाग लिया। उनकी निजाम के शासक के खिलाफ सत्याग्रह आन्दोलन में भूमिका भी उल्लेखनीय है। सन् 1947 में हैदराबाद रियासत के भारतीय संघ में विलय के लिये जो आन्दोलन चला, उसके फलरूवरूप तत्कालीन निजाम सरकार सन् 1948 में इन्हें बन्दी बनाकर केन्द्रीय जेल, चंचलगुडा, हैदराबाद में डाल दिया गया जहां ये छह माह तक रहे। जेल में रहते हुये इन्होंने उर्दू साप्ताहिक ''पयाम-ए-नव'' का सम्पादन किया जिसे ये अपने बन्दी साथियों में वितरित किया करते थे उससे पूर्व जब यह छठवीं कक्षा में पढ़ते थे तब हिन्दी पाक्षिक ''मुकुल'' का सम्पादन किया करते थे ।
    1 अगस्त, 1975 को इमरजेन्सी के दौरान इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया तथा ''मीसा'' के तहत् अठ्ठारह माह तक बंदी बनाये रखा गया। श्री रेड्डी ने आचार्य विनोबा भावे तथा जय प्रकाश नारायण के ''भूदान-आन्दोलन'' में भी सक्रिय भूमिका निभाई। .
    अनुभव देश की राजनीति का श्री रेड्डी को गहरा अनुभव है। वर्ष 1947-48 में वे  हैदराबाद विद्यार्थी संगठन एक्षन कमेटी के अध्यक्ष रहे। बार एसोसिएशन, सिटी सिविल कोर्ट, हैदराबाद के महासचिव रहे। वर्ष 1969-71 के दौरान तेलंगाना प्रजा समिति के अध्यक्ष रहे। सोशलिस्ट पार्टी की कार्यकारिणी समिति के महासचिव रहे। जनता पार्टी, आन्ध्र प्रदेश यूनिट के महासचिव रहे। तदोपरान्त, लोकदल (केन्द्रीय पार्टी) के महासचिव रहे। वर्ष 1975 में जय प्रकाश नारायण स्वागत समिति के आंध्र प्रदेश के संयोजक रहे। सोशलिस्ट पार्टी, समाजवादी युवा शाखा, नेशनल हाई स्कूल, समाजवादी युवाजन सभा तथा जनता पार्टी के वे संस्थापक सदस्य रहे।
    श्री रेड्डी वर्ष 1978 में जनता पार्टी के मनोनीत सदस्य के रूप में राज्य सभा के लिये चुने गये। इन्होंने वर्ष 1983 में तेलगुदेशम पार्टी की सदस्यता ग्रहण की तथा इसी पार्टी के प्रत्याशी के रूप में वर्ष 1984 में पुनः राज्य सभा के लिये चुन लिये गये ।
    विदेश यात्रा श्री रेड्डी ने मलेशिया, सिंगापुर, रोम, लीबिया, नैरोबी( केन्या), लन्दन, चीन, हांगकांग, थाईलैन्ड,पश्चिमी जर्मनी, फ्रांस, हालैंड, स्विट्जरलैंड, नीदरलैंड, नार्वे, आदि देश का भ्रमण किया ।