अनुभव |
वह उस्मानिया ग्रेजुएट्स एसोसियशन, एक्ज़ीबीशन सोसाइटी तथा आर्थिक समिति से जुड़े थे | वह 17 वर्षों के लंबे समय तक "सोसाइटी ऑफ यूनियन एण्ड प्रोग्रेस" के अध्यक्ष भी रहे| 1929 में उन्होनें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के भूतपूर्व अध्यक्ष श्री एस श्रीनिवास अयंगर के मार्गदर्शन में हिन्दू मुस्लिम मतभेदों को दूर करने हेतु एक योजना भी तैयार की | जब 1948 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का हैदराबाद में प्रथम अधिवेशन हुआ, तब श्री अकबर अली ख़ान को उपाध्यक्ष चुना गया| 1952 में उन्हें उस्मानिया यूनिवर्सिटी, अलीगढ़ यूनिवर्सिटी, जामिया मिल्लिया तथा जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी की सीनेट का सदस्य चुना गया| 1957 में उन्होंने हैदराबाद में एक पॉलीटेक्नीक की स्थापना की| श्री अकबर अली ख़ान ने श्री कृष्णा मेनन के नेतृत्व में संयुक्त राष्ट्र प्रतिनिधिमंडल की सदस्यता भी की| वे श्री अनन्त्स्यानम अयंगर के नेतृत्व में चीन के गुडविल मिशन पर भी गए| बाद में उन्होनें मास्को, फ़िनलैंड व एशिया व अफ्रीका के अन्य देशों का भी भ्रमण किया| वे 18 वर्षों तक राज्य सभा के सदस्य रहे व 12 वर्षों तक राज्यसभा के माननीय सभापति भी रहे| वह कांग्रेस संसदीय दल के उप नेता भी चुने गए| उनका मुख्य योगदान हिन्दू मुस्लिम एकता को मज़बूत करने में रहा|
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